हमारी आदतें


जब किसी भी कार्य को हम बार-बार करते हैं तो वह अन्तत: आदत बन जाती है। ये आदत अच्छी भी हो सकती है तो यह आदत बुरी भी हो सकती है। मैं यहाँ युवाओं में पड़ रही कुछ बुरी आदतों का जिक्र करना चाहता हूँ। जैसा कि मैंने आपको पूर्व में बताया कि मैं 35 वर्षों से कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों को पढ़ा रहा हूँ एवं लगभग 10 वर्ष तक हमारे समाज के दो स्थानों के छात्रावास में अधीक्षक के रूप में कार्य कर चुका हूँ।

मैंने लगभग दस हजार युवाओं से (जिन्हें धूम्रपान की आदत थी) पूछा कि उन्हें बीड़ी-सिगरेट की आदत कैस...

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आपका शरीर ईश्वर का उपहार है


आपकी भाषा, चलने-फिरने का ढंग, कपड़े पहनने का ढंग, खाने-पीने का तरीका आदि यानि सब कुछ इस दुनिया में जन्म लेने के बाद ही सीखा है, यानि आपका हर तौर-तरीका, आदत इस दुनिया की ही देन है। लेकिन आपका शरीर पूर्ण रूप से ईश्वर की ही देन है। हमारे शरीर का कोई भी भाग/अंग किसी कारखाने में तैयार नहीं किये जा सकते हैं। मानव शरीर ईश्वर की अनमोल कृति है। ईश्वर की इस अनमोल कृति की देखभाल करना, इसकी सार-संभाल करना आपकी जिम्मेदारी व धर्म है। सुबह-शाम रोजाना मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा में पूजा-पाठ करने से ज्य...

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आप अद्वितीय (Unique) है


इस दुनिया में आप जैसा न कोई पैदा हुआ है और न ही भविष्य में कभी पैदा होगा। अन्य व्यक्ति आप जैसा दिख सकता है, आपकी हुबहू नकल कर सकता है, लेकिन ठीक आप ही की तरह से वह सोच व कार्य नहीं कर सकता। आपका सोचना व आपकी प्रतिभा अद्वितीय (Unique) है। ठीक इसी प्रकार आपका जन्म किसी अद्वितीय प्रयोजन (Unique Purpose) के लिए हुआ है। आपको अपनी विशेषता, अपनी दक्षता, अपनी प्रतिभा को पहचान कर स्वयं आनन्दमय, समृद्धिपूर्ण, स्वस्थ व रचनात्मक जीवन जीना है तथा समाज के अन्य व्यक्तियों व प्राणियों को भी ऐसा ही जीवन जीने...

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मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी समझे


समाज के उत्थान व पतन में मीडिया का भी बहुत बड़ा रोल है। मीडिया अपनी जिम्मेदारी निभाये। केवल अपना सर्कुलेशन बढ़ाने हेतु चाहे जैसी खबर न छापें। कुछ खबरें मीडिया ने ऐसे लोगों की प्राथमिकता के आधार पर छापीं जैसे कि ये लोग युवाओं के लिए बहुत बड़े आदर्श हो, जैसे कि

* पिछले वर्ष एक विदेशी मॉडल व फैशन डिजाइनर अपने 50 वर्षीय सातवें ‘ब्वाय फे्रंड’ का जन्म दिन मनाने राजस्थान आई थी। अखबारों में इस खबर को इस प्रकार जगह दी गई जैसे कि कोई बड़े ही आदर्श स्थापित करने वाली घटना है। शर्म नही...

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कौन जिम्मेदार ?


सांयकाल 7 बजे ‘युवाम‘ की कक्षाएँ छूट चुकी थीं। मैं युवाम से निकला और सामने ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स/मॉल में कुछ सामान खरीदने चला गया। शायद शाम के साढ़े सात बज चुके थे। जब मॉल से वापस आ रहा था तो देखा कि मॉल की सीढिय़ों पर 6-7 युवा (जो कि किसी कॉलेज के विद्यार्थी थे) बैठे हुए थे। सामने ही एक खुली जीप खड़ी थी जो उन्हीं की थी। सीढिय़ों पर बैठे ये सभी सिगरेट के कश ले रहे थे। उनकी आपस की बातचीत की भाषा भी स्तरहीन थी। इसी बीच एक युवा उठा जीप तक गया, 3-4 मिनट जीप में बैठा और वापस आ गया, अन्य...

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बच्चे हम से ही सीखते हैं


कोई भी माता-पिता नहीं चाहते हैं कि उनका बच्चा झूठ बोले, चोरी करे, ध्रूमपान करे, बेइमान बने आदि, लेकिन फिर भी कुछ बच्चे ये सारी बातें सीख जाते हैं, आखिर क्यों? आइये जानते है ऐसा क्यों होता है?

मैं प्रात: काल करीब 7-8 बजे अपनी संस्था ‘युवाम‘ जाता हूँ। लगभग 10 किलोमीटर की दूरी में 5 चौराहे पड़ते हैं जहाँ ट्रेफिक लाइटें लगी हुई हैं। इन चौराहों पर मेरी बड़ी ही अजीब स्थिति हो जाती है। देखता हूँ कि चाहे लाल बत्ती हो या हरी बत्ती कोई भी व्यक्ति इस वक्त साधारणतया इनका पालन नहीं करत...

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जब तू आया जगत में ….. जब तू आया जगत में, जग हँसे तुम रोये। ऐसी करनी कर चलो कि तुम हँसो जग रोये।।


जब तुम इस दुनिया में आये (यानि बच्चे के रूप में जब तुम्हारा जन्म हुआ) तो तुम रोये और परिवार के लोग हँसे यानि प्रसन्न हुए। लेकिन अब तुम इतना अच्छा जीवन जीओं, ऐसे (अच्छे) कार्य (करनी) करो कि जब तुम दुनिया से जाओ (यानि जब तुम्हारी मृत्यु हो) तो तुम हँसो व दुनिया रोये (यानि दुनिया के लोग विलाप करें कि इतना अच्छा इंसान हमें क्यों छोड़ गया?)

… तो दोस्तों, क्या कभी आपने भी सोचा है कि जब आप इस दुनिया को छोड़कर जाएँगे तो क्या धरोहर छोड़ कर जायेंगे? दुनिया के लोग आपको किस रूप में याद करे...

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जब स्वयं की मौत का समाचार अखबार में पढ़ा


यह 1888 की घटना है। सुबह जब उन्होंने अखबार पढऩा प्रारम्भ किया तो एक समाचार पढ़कर बहुत ही आश्चर्य में पड़ गये क्योंकि वह समाचार उनकी स्वयं की मृत्यु का था। अखबार में स्वयं की मृत्यु का समाचार पढऩे वाले ये व्यक्ति थे महान खोजकर्ता आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल (1833-1896)।

हुआ यूँ कि अल्फ्रेड नोबेल के भाई लुडविंग नोबेल की मृत्यु हुई लेकिन कुछ अखबारों में गलती से लुडविंग की बजाय उनके भाई अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु का समाचार छाप दिया। एक अखबार में समाचार की हैडलाइन इस प्रकार थी ‘मौत के सौद...

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दूसरों को दोष न दें


मानव स्वभाव बड़ा विचित्र है। हर गलत काम करने वाला अपनी गलती के लिए दूसरों को दोष देता है, परिस्थितियों को दोष देता है परन्तु खुद को दोष कभी नहीं देता है।

 

मेरा आपसे यही आग्रह है कि अपने कामों की जिम्मेदारी स्वीकार करें। यदि आप अपने सपने साकार करना चाहते हैं तो अपने प्रत्येक कार्य की 100 फीसदी जिम्मेदारी स्वयं को ही लेनी पड़ेगी, किसी अन्य व्यक्ति पर निर्भर होने से काम नहीं चलेगा। बहाने बहाना, परिस्थितियों को दोष देना, अपनी कमजोरी छिपाना एक छद्म प्रयास है। लगभग प्रत्येक व्...

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Body Language During Interview


Your body language speaks a lot about your personality. Body language includes facial expression, gestures, body movements, postures, eye contact etc.

 

Facial expression

Your face is the index of your mind. Experts can read faces. So, maintain a well balanced facial expression during the whole interview, changing it suitably with the type of questions you are asked. A soft pleasing expression with a hint of a smile enhances your personality.

 

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