मानव स्वभाव बड़ा विचित्र है। हर गलत काम करने वाला अपनी गलती के लिए दूसरों को दोष देता है, परिस्थितियों को दोष देता है परन्तु खुद को दोष कभी नहीं देता है।
मेरा आपसे यही आग्रह है कि अपने कामों की जिम्मेदारी स्वीकार करें। यदि आप अपने सपने साकार करना चाहते हैं तो अपने प्रत्येक कार्य की 100 फीसदी जिम्मेदारी स्वयं को ही लेनी पड़ेगी, किसी अन्य व्यक्ति पर निर्भर होने से काम नहीं चलेगा। बहाने बहाना, परिस्थितियों को दोष देना, अपनी कमजोरी छिपाना एक छद्म प्रयास है। लगभग प्रत्येक व्यक्ति अपनी असफलता के लिए कोई न कोई बहाना खोज ही लेता है। ध्यान रहें बहाना ऐसा झूठ है, जिसमें तर्क भरा होता है। एक कहावत है, ‘पराजित लोग बहाने बनाते हैं, विजेता धन कमाते हैं।’
अत: स्वयं की 100 फीसदी जिम्मेदारी लें, सारा मन एक जुट कर कार्य करें, निश्चित रूप से सफलता आपकी होगी। जो लोग अपनी गलती के लिए दूसरों को दोष देते हैं, उन्हें जीवन में सच्ची सफलता कभी भी नहीं मिलती है।
दूसरो को दोष देना, उनका मखौल उड़ाना, उनकी गलती निकालना, उनके आत्मसम्मान पर चोट करने जैसा है। याद रखें एक व्यक्ति को जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह अपने आत्म सम्मान की रक्षा करना। अत: अपनी असफलता के लिए दूसरों को दोष न दें, उनकी गलतियाँ न ढूंढे। किसी व्यक्ति के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाना सबसे बड़ा अपराध है।