आप अद्वितीय (Unique) है

इस दुनिया में आप जैसा न कोई पैदा हुआ है और न ही भविष्य में कभी पैदा होगा। अन्य व्यक्ति आप जैसा दिख सकता है, आपकी हुबहू नकल कर सकता है, लेकिन ठीक आप ही की तरह से वह सोच व कार्य नहीं कर सकता। आपका सोचना व आपकी प्रतिभा अद्वितीय (Unique) है। ठीक इसी प्रकार आपका जन्म किसी अद्वितीय प्रयोजन (Unique Purpose) के लिए हुआ है। आपको अपनी विशेषता, अपनी दक्षता, अपनी प्रतिभा को पहचान कर स्वयं आनन्दमय, समृद्धिपूर्ण, स्वस्थ व रचनात्मक जीवन जीना है तथा समाज के अन्य व्यक्तियों व प्राणियों को भी ऐसा ही जीवन जीने हेतु सहयोग करना है। आपको कोई विशेष धरोहर आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़ कर जाना है।

ईश्वर की सच्ची इच्छा है कि आप इस ग्रह पर व्यक्तिगत प्रसन्नता, अच्छा स्वास्थ्य, मन की शान्ति, स्नेह, पे्रम, आत्म सम्मान, सुखमय पारिवारिक जीवन व आर्थिक समृद्धि का जीवन जीवें। जीवन में किसी भी प्रकार की कुंठा, निराशा, बीमारी, भय, डर, अकेलापन, गरीबी, असफलता आदि स्वयं के द्वारा निर्मित परिस्थितियों के कारण ही होती हैं। किसी विद्वान ने कहा है :

“As you grow in years, so should you progress mentally, spiritually and materialy. To be in a constant state of growth is the law of life; growth is God’s plan for all things.”

बिल गेट्स द्वारा कही गई इस बात पर ध्यान दें : “यदि आपका जन्म गरीब परिवार में हुआ है तो इसमें आपका दोष नहीं है, लेकिन यदि आपकी मृत्यु गरीबी में ही हो जाती है तो इसमें 100 प्रतिशत दोष आपका है।”

दोस्तों, आपका जन्म किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति, परिवार व स्थान पर हुआ हो आप उस पर गर्व महसूस करें एवं ईश्वर द्वारा आपको दी गई अद्वितीय प्रतिभा, दक्षता को पहचानें तथा इस पृथ्वी व समाज को और अधिक सुन्दर बनाने में अपना अमूल्य योगदान देवें।