हाल ही में किसी कार्य वश मेरा एक विश्वविद्यालय जाना हुआ। विश्वविद्यालय का सीधा सा मतलब उच्च शिक्षा का केन्द्र, लेकिन वहाँ मुझे कुछ अलग ही अहसास हुआ। ऐसा लगा जैसे मैं किसी बहुत बड़े व्यवसायिक स्थान पर आया हूँ। अधिकाँश छात्र महँगे एवं फैशन वाले कपड़े पहने हुए थे। अधिकाँश छात्राएँ महँगे गारमेंट्स के अलावा नवीनतम प्रकार की महँगी ज्वैलरी धारण किए हुए थी। कुछ छात्रों ने अपने सिर के बाल कलर किए हुए थे तथा विभिन्न प्रकार की हेयर स्टाइल धारण किए हुए थे। यही नहीं कुछ छात्रों ने तो दाढ़ी रखने के तरीके भी अलग-अलग अपना रखे थे। ऐसा लग रहा था जैसे ये छात्र-छात्राएँ पढऩे नहीं बल्कि किसी फैशन कॉम्पीटिशन में भाग लेने आये थे। आखिर शिक्षा के केन्द्र पर इस प्रकार का दिखावा/प्रदर्शन क्यों? शायद एक ही कारण था प्रत्येक विद्यार्थी कुछ अलग या सामान्य से हट कर कुछ विशेष दिखने का प्रयास इसलिए कर रहा था ताकि वहाँ उसकी कुछ अलग पहचान बने, लोग उसे जानने लगें।
अधिकाँश लोग अपनी कुछ अलग पहचान बनाने की लालसा के कारण ही लेटेस्ट स्टाइल के गारमेन्ट्स पहनते हैं, लेटेस्ट स्टाइल का महँगा मोबाइल फोन रखते हैं, कीमती गहने धारण करते हैं, कीमती से कीमती लग्जरी कार में चलना पसन्द करते हैं, अमीर व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से बहुत बड़ा आलीशान मकान बनवाते हैं। ऐसे अनेक उदाहरण आपको मिल जाएँगे। यही नहीं अभी हाल में अखबार में एक जघन्य अपराध का समाचार छपा। उस व्यक्ति ने वह जघन्य अपराध सिर्फ इसलिए किया ताकि अखबारों में उसका फोटो छपे। विभिन्न समाचार चैनलों पर उसका नाम सुर्खियों में आ जावें। ऐसे गुंडे-बदमाश लोग बाद में अहंकार से कहते हैं ‘तुझे मालूम नहीं है, मुझे पूरा शहर जानता है।’
अपनी धन दौलत का अनावश्यक प्रदर्शन कर अपनी पहचान बनाने का तरीका स्थायी नहीं है। गलत व नकारात्मक विचार अपना कर पहचान बनाने का तरीका सबसे ज्यादा निन्दनीय है।
स्थायी व सकारात्मक पहचान बनाने के लिए त्याग करना पड़ता है। गाँधीजी ने सुख सुविधाएँ छोड़ देश की आजादी व गरीबों के उत्थान के लिए काम किया। मदर टेरेसा ने पीडि़त मानवता की सेवा कर अपनी पहचान बनाई। अनेक क्रान्तिकारियों ने देश की आजादी हेतु प्राण न्यौछावर कर दिये। अनेक लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियाँ हासिल की और महान् बन गये।
आप अपने अच्छे व्यवहार से पहचान बना सकते हैं। व्यापारी अपनी ईमानदारी के लिए पहचान बना सकते हैं। विद्यार्थी शैक्षणिक उपलब्धि से पहचान बना सकते हैं। अधिकारी, कर्मचारी अपनी कर्तव्य निष्ठा, वफादारी, सत्यता, ईमानदारी का प्रदर्शन अपनी विशेष पहचान बना सकते हैं।
दोस्तों स्थायी पहचान बनाने के लिए सकारात्मक कार्य कर श्रेष्ठ प्रदर्शन करें।